800 जरूरी दवाएं आगामी 1 अप्रैल से हो जाएंगी महंगी, जानिए क्यों?
आगामी 1 अप्रैल से दवाओं की कीमत में इजाफा हो सकता है. दाम में होने वाली बढ़ोतरी कुल 800 दवाओं में देखने को मिलने वाली है.
इन दवाओं में पेनकिलर, एंटीबायोटिक और एंटी-इंफेक्शन की दवाएं शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार होलसेल प्राइस इंडेक्स में बदलाव किया गया था.
अब सरकार राष्ट्रीय आवश्यक दवा सूची में आने वाली दवाओं की कीमत में 0.0055 प्रतिशत का इजाफा करने को मंजूरी देने जा रही है.
आपको बता दें कि दवा कंपनियां महंगाई बढ़ने के कारण पिछले कुछ दिनों से कीमत में इजाफा करने की मांग की जा रही है.
खास बात ये है कि साल 2022 में इन दवाओं की कीमत में रिकॉर्ड 12 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी. वहीं, दवा की कीमत में बदलाव की मंजूरी साल में एक बार ही दी जाती है.
इस मामले में जानकारों की मानें, तो कुछ साल में ही दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाली चीजों की कीमत में 15 से लेकर 130 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है.
वहीं, पेरासिटामोल 130 प्रतिशत तक और एक्सीसिएंट्स के दाम 18-262% बढ़ा है. इसके अलावा कई चीजों के दाम दोगुने हो गए हैं.
लगभग हजार से अधिक दवा निर्माताओं के ग्रुप ने लगातार सरकार से दवा की कीमतों में बदलाव करने की इजाजत मांगा था.
उनकी मानें, तो दवा इंडस्ट्री लागत में आ रहे बदलाव से जूझ रही है. बीते 2 साल में दवा की कीमत में डबल डिजिट में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अब दाम में बढ़ोतरी से उनको राहत मिलेगा.
इन दवाओं की लिस्ट में उन मेडिसिन को शामिल करते हैं, जो ज्यादातर काम आती हैं. इनमें पैरासिटामोल, एजिथ्रोमाइसिन, विटामिन और मिनरल्स आदि शामिल हैं.