जानिए कब है मासिक शिवरात्रि, 6 या 7 अप्रैल को; जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

सनातन हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का खास महत्व है. चैत्र मास की शिवरात्रि हिंदू धर्म में मनाई जाने वाली 12 शिवरात्रियों में से एक है. 

मासिक शिवरात्रि का व्रत विवाहित और अविवाहित महिला रखती हैं. शास्त्रों की मानें, तो इस दिन व्रत करने से व्यक्ति का हर मुश्किल काम आसान हो जाता है. 

मासिक त्योहारों में शिवरात्रि का व्रत और पूजन का बहुत महत्व होता है. आइए बताते हैं मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व.

पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि 7 अप्रैल को सुबह 6.53 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 8 अप्रैल को सुबह 3.21 बजे समाप्त होगी.

शिवरात्रि के दौरान रात में भगवान शिव की पूजा करने की परंपरा है, इसलिए मासिक शिवरात्रि का त्योहार 7 अप्रैल को मनाया जाएगा.

मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें. अब आप किसी मंदिर में जा कर भगवान शिव और उनके परिवार पार्वती, गणेश, कार्तिक, की पूजा करें.

अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें. अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना उपवास खोलें. 

इस दिन आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से करें. ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं. 

चैत्र मासिक शिवरात्रि के दिन करें इस मंत्र का जाप ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्

चैत्र मासिक शिवरात्रि का महत्व हिन्दू धर्म में चैत्र मासिक शिवरात्रि का अपना अलग ही महत्व है. हर महीने आने वाली मासिक शिवरात्रि का व्रत भी बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है. मासिक शिवरात्रि का व्रत को करने के बाद उन्हें उनकी इच्छा अनुसार वर मिलता है.

उनके विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं. ऐसा कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से हर मनोमनाएं पूरी होती हैं. 

इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं.  

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)