जल्द बज सकता है तृतीय विश्‍व युद्ध का बिगुल!  क्या जर्मनी में शुरू कर दी जंग की तैयारी?

यूरोप में जंग के लिए जर्मनी अपनी तैयारी कर रहा है. दरअसल, सेना की तरफ से अनिवार्य भर्ती से लेकर राशनिंग और सबवे स्टेशनों को बंकरों में तब्दील किया जा रहा है.

आपको बता दें कि कोल्ड वॉर के बाद फर्स्ट टाइम जर्मनी की रक्षा नीति में बदलाव हुआ है. इसको लेकर इस हफ्ते 67 पन्ने का दस्तावेज जारी किया गया. इसमें युद्ध होने पर जर्मन लोगों की जिंदगी में बदलाव की बात है.

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद जर्मनी के असैन्यवादी रुख में अंतर आया है. जर्मन  सरकार के कई मंत्रियों ने खुलकर रूस से खतरा बताया है. 

साथ ही ये भी कहा कि बदले हालात में जर्मनी को भी अपना रवैया भी बदलना पड़ा. बता दें कि द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद से ही जर्मनी ने असैन्यवादी रुख अपनाया था.

आपको बता दें कि 67 पन्नों के सरकारी डॉक्यूमेंट को 'फ्रेमवर्क डायरेक्टिव ऑफ ओवरऑल डिफेंस' कहा जा रहा है. 

डॉक्यूमेंट के अनुसार युद्ध की स्थितियों में सेना में अनिवार्य भर्ती दोबारा शुरू कर दी जाएगी.

इसके अलावा 18 साल से ज्यादा आयु के कामगारों को बेकरी और पोस्ट ऑफिस के काम सौंपे जा सकते हैं. नौकरियां छोड़ने से भी रोक लगाई जा सकती है.

इतना ही नहीं, डॉक्टर्स, साइकोलॉजिस्ट्स, नर्सेज और वेट्स को भी सेना में शामिल किया जा सकता है. इस दौरान प्रयोग सेना और सिविल दोनों में किया जा सकेगा.

बता दें कि राशनिंग को भी लागू किया जाएगा. इस दौरान सप्लाई प्रभावित होने पर सरकार खाद्यान्न संग्रह कर नागरिकों को 'दिन में एक वक्त गर्म भोजन' मुहैया कराएगी.

फेडरल रिजर्व में चावल, दालें और कंडेंस्ड मिल्क को शामिल किया गया है. पेट्रोल और तेल जैसे अन्य सामान पर भी राशन व्यवस्था लागू की जा सकती है.

नागरिकों की रक्षा के लिए अंडरग्राउंड स्टेशनों को मेकशिफ्ट बंकरों में तब्दील किया जाएगा. अस्पतालों को भारी संख्या में मरीजों के लिए तैयार रहना होगा.

जर्मनी को लगता है कि रूस का कदम केवल यूक्रेन तक ही नहीं रुकेगा. यूरोप पर भी रूस के आक्रमण का खतरा है. 

इस मामले में जर्मनी की इंटीरियर मिनिस्टर नैन्सी फेसर ने जानकारी दी. उन्होंने कहा रूसी आक्रमण का सामना करने के लिए जर्मनी को बेहतर हथियार तैयार करना जरूरी है.

फेसर के अनुसार 'रूसी आक्रमण ने यूरोपीय सुरक्षा हालात को बदल दिया है. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ सैन्य तैयारी और नागरिक सुरक्षा मजबूत करना होगा.