जिस प्रकार अग्नि स्वर्ण को परखती है, उसी प्रकार संकट वीर पुरुषों को, पढ़ें सुविचार

कहते हैं कि अगर दिन की शुरुआत अच्छी होती है, तो पूरा दिन सकारात्मकता के साथ बितता है. ऐसे में आपके दिन को और खास बनाने के लिए हम लाए हैं कुछ सुविचार...

फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है.

कर्म के बिना फल की अभिलाषा करना, व्यक्ति की सबसे बड़ी मूर्खता है.

यह सृष्टि कर्म क्षेत्र है, बिना कर्म किये यहाँ कुछ भी हासिल नहीं हो सकता.

सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और.

मैं किसी दूसरे को सलाह दूं और मैं खुद उस पर अमल ना करू तो मैं असहज महसूस करता हूँ.

एक सपना किसी चमत्कार से सच नहीं बनता है; यह पसीना, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत लेता है.

अपनी जुबां से दूसरो को गलत ठहराने की कोशिश से बेहतर है, अपनी कोशिशों से खुद को सही साबित किया जाए.

चलता रहूँगा पथ पर,चलने में माहिर बन जाऊँगा, या तो मंजिल मिल जायेगी या अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊँगा.