Space News: आज ही ISRO ने चांद पर लहराया था तिरंगा, जानें गौरवान्वित करने वाले 10 स्पेस मिशन

आज National Space Day है. 23 अगस्त साल 2023 को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चांद पर अपना कदम रखा था. 

ISRO के मिशन की सफलता के बाद पूरी दुनिया में भारत का डंका बजा. अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों को चिह्नित करने के लिए आज National Space Day मनाया जाता है.

आइए आपको बताते हैं ISRO के गौरवान्वित कर देने वाले 10 स्पेस मिशन

19 अप्रैल 1975 को प्रक्षेपित आर्यभट्ट उपग्रह भारत का पहला मिशन था. इस उपग्रह के साथ ही इसरो ने अपने अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत की थी.

1983 में प्रक्षेपित भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली ने उपग्रह-आधारित संचार को सक्षम बनाया. इससे भारत में दूरसंचार के क्षेत्र में क्रांति आई. 

PSLV यानी ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान ने अंतरिक्ष में कई उपग्रहों को प्रक्षेपित किया. इसमें भारत का पहला चंद्र मिशन और चंद्रयान-1 भी शामिल है.

साल 2008 में प्रक्षेपित चंद्रयान-1 ने सफलता पूर्वक चारो तरफ चंद्रमा की परिक्रमा की. इससे महत्वपूर्ण आंकड़े प्राप्त हुए. साथ ही भविष्य के चंद्र यान भेजने का मार्ग प्रशस्त हुआ.

इसके बाद भारत ने 2013 में प्रक्षेपित मंगलयान यानी मंगल ऑर्बिटर मिशन ने पहले प्रयास में सफलता हासिल की. इस तरह भारत प्रथम प्रयास में मंगल ग्रह पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया.IIAE, देहरादून

जियोसिंक्रोनसू सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल ने जीसेट-14 संचार उपग्रह सहित भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण को संभव बनाया है.

भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम, सटीक नेविगेशन सेवाएं प्रदान करता है, जिससे विदेशी प्रणालियों पर निर्भरता कम हो जाती है."IIAE, देहरादून

2015 में प्रक्षेपित एस्ट्रोसैट भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला है, जो विभिन्न तरंगदैर्ध्या में खगोलीय पिंडों का अध्ययन करती है.

ISRO की दोबारा प्रयोग में आने वाले यानों, प्रौद्योगिकी रॉकेटों को प्रक्षेपित करने साथ ही दोबारा प्राप्त करने की क्षमता हासिल की है. इससे लागत काफी कम लगती है.

साल 2023 में प्रक्षेपित होने को तैयार गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन होगा. इससे अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जाया जाएगा.