Science News: जानिए कहां मिला 12,000 साल पुराना पत्थर, देता है इस बात की गवाही

इजराइल में 12,000 साल पुराने पत्थरों के छेद का सेट मिला है, जो मानवता की शुरुआती तकनीकी प्रगति को बताता है. ये पत्थर पहले युग में सूत बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरणों का हिस्सा हो सकते हैं. इन्हें स्पिंडल और व्हर्ल भी कहा जाता है.

इस खोज को लेकर पीएलओएस वन जर्नल में स्टडी प्रकाशित किया गया है. रिसर्चर की मानें, तो ये पत्थर इस तकनीकी इनोवेशन के कुछ शुरुआती उदाहरण हो सकते हैं.

ये चीज जॉर्डन घाटी के नहाल ऐन-गेव II से मिली है. 1972 से चल रहे उत्खनन के काम में 113 छेद वाले पत्थर मिले. इनमें 48 पत्थर पूर्ण छिद्रित और 36 पत्थर टूटे हुए थे, लेकिन कुछ छिद्र बने हुए थे. 29 पत्थरों में अधूरे छिद्र थे, जो पूरी तरह से विकसित नहीं हुए थे.

ये पत्थर चूना पत्थर से बने थे. इनका वजन 1 से 34 ग्राम के बीच था. स्टडी की को-राइटर और येरुशलम की हिब्रू यूनिवर्सिटी की रिसर्चर तालिया यासुव ने बताया कि शुरुआती सोच यह थी कि ये पत्थर मछली पकड़ने से संबंधित हो सकते हैं.

अध्ययन के बाद टीम ने निष्कर्ष निकाला कि इन 12000 साल पुरानी छिद्रित पत्थरों की खोज पत्थरों का आकार और डिजाइन स्पिंडल व्हर्ल्स से मेल खाता है, जो ऐतिहासिक रूप से सूत या धागा बनाने के लिए इस्तेमाल होते थे.

रिसर्चर्स ने हाई क्वालिटी वाले 3D मॉडलिंग का यूज करके इन पत्थरों का विश्लेषण किया. पहली नजर में, इन पत्थरों में कोई सामान्य रूप से मानकीकरण नहीं दिखता था.

3D विश्लेषण से पता चला कि इन पत्थरों में कुछ सामान्य गुण हैं, जैसे कि समान चौड़ाई-लंबाई अनुपात, केंद्रीय रूप से स्थित छिद्र और छिद्र की न्यूनतम चौड़ाई का एक समान मानक.

तालिया यासुव ने कहा, "पहली बार देखने पर ये पत्थर बहुत असमान लगते हैं, लेकिन 3D विश्लेषण ने ये दिखाया कि इन पत्थरों में कुछ मानक विशेषताएं थीं, जैसे चौड़ाई/लंबाई का अनुपात, छिद्र का केंद्रीय स्थान, और छिद्र की समान न्यूनतम चौड़ाई."

इन पत्थरों को स्पिंडल व्हर्ल्स के रूप में इस्तेमाल किए जाने की संभावना की जांच करने के लिए शोधकर्ताओं ने पारंपरिक कारीगरों की विशेषज्ञ योनित क्रिस्टल के साथ सहयोग किया. 

उन्होंने इन प्राचीन पत्थरों के प्रतिरूपों का इस्तेमाल किया और परीक्षण किया. शुरू में उन्हें कुछ मुश्किलें आईं, लेकिन अंततः वे ऊन और फ्लैक्स (लिनन) को सफलतापूर्वक स्पिन करने में सफल रही.

इस खोज की अहमियत सिर्फ प्राचीन स्पिंडल व्हर्ल्स की पहचान में नहीं है, बल्कि यह तकनीकी विकास को समझने के लिए भी महत्वपूर्ण है.

शोधकर्ताओं की मानें, तो ये पत्थर पहिया और धुरी के यांत्रिक सिद्धांतों को दर्शाते हैं. इसी के बाद मानव समाज में क्रांतिकारी बदलाव आए.