युंगाडा में Dinga Dinga ने बरपाया कहर, जानिए कैसे रखे जाते हैं बीमारियों के नाम

युगांडा के बुंदीबुग्यो जिले में 'डिंगा डिंगा' वायरस ने लगभग 300 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है.

इस वायरस की चपेट में ज्यादातर महिलाएं और लड़कियां हैं. बीमारी में बुखार और शरीर का बेकाबू कंपन होता है.

गंभीर मामलों में लोगों को लकवा भी हो रहा है. इस वायरस से संक्रमित लोगों में कई तरह के लक्षण देखने को मिल रहे हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इन बीमारियों का नाम कौन रखता है और इसके नियम क्या हैं? आइए हम आपको बताते हैं...

किसी भी वायरस या बीमारी का नाम रखने की जिम्मेदारी इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिजीज (ICD) के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन और इंटरनेशनल हेल्थ रिलेटेड क्लासिफिकेशन की डब्ल्यूएचओ फैमिली (WHO-FIC) के पास है.

ये संस्थाएं किसी भी नाम को डब्ल्यूएचओ के सदस्यों से पर्याप्त बातचीत करने के बाद ही रख सकती हैं.

इसके साथ ही ये संस्था किसी बीमारी का नाम उसके लक्षणों को ध्यान में रखते हुए बदल भी सकते हैं.

ज्यादातर किसी भी वायरस का नाम उसके लक्षणों से मिलता-जुलता ही रखा जाता है. जैसे मंकी पॉक्स वायरस का नाम बंदरों से फैलने वाले वायरस के नाम पर रखा गया है.

जैसे डिंगा-डिंगा नाम सुनकर ही ऐसा लग रहा है कि ये कोई हिलने-डुलने वाली बीमारी है.