ऐसा देश जहां राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर नहीं मिलती कोई सजा, यहां जानिए
हाल ही में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को "बेचारी, गरीब और थकी हुई" कहा था, जिसके बाद राजनीतिक विवाद छिड़ गया है.
भाजपा लगातार ये आरोप लगा रही कि सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति का अपमान किया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक देश ऐसा भी है, जहां राष्ट्रपति के अपमान को कानूनी मान्यता मिली है.
किसी भी देश में संवैधानिक पर बैठे व्यक्ति का कोई भी अपमान नहीं कर सकता है. ऐसा करने पर सजा दी जाती है.
लेकिन फ्रांस में राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर किसी भी तरह की सजा नहीं मिलती है.
दरअसल, 2013 में एक मामले की सुनवाई के बाद फ्रांस में राष्ट्रपति पर टिप्पणी करने को लेकर कानूनी मान्यता मिल गई थी.
इसे लेकर फ्रांस की संसद ने 1881 के कानून में संशोधन भी किया है. बता दें कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को एक व्यक्ति ने “गेट लॉस्ट” कहा था.
जिसके बाद उसे कोर्ट ने सजा दी थी, लेकिन बाद में यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने 2013 मार्च में फैसला दिया था कि फ्रांस में अभिव्यक्ति की आज़ादी का उल्लंघन हुआ है.
यूरोपीय अदालत ने कहा था कि उस व्यक्ति का दोषी पाया जाना और उस पर 30 यूरो का जुर्माना “अनुचित” था.
बता दें कि अगर भारत में कोई व्यक्ति किसी संवैधानिक पर बैठे व्यक्ति का अपमान करता है, तो उसके खिलाफ राजद्रोह के तहत कार्रवाई हो सकती है.