रमजान में बस कर लें ये काम, अल्लाह आपकी हर दुआएं करेंगे कुबूल
रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे खास होता है. इस महीने को रहमत, बरकत का महीना कहा जाता है.
इस पाक महीने में तमाम रोजेदार अपनी आत्मा की शुद्धि के लिए रोजा रखते हैं.
ये एक ऐसा महीना होता है, जब आप अपनी इबादत और नेक काम से अल्लाह को राजी कर सकते हैं.
अल्लाह रमजान में मांगी हर दुआ को कुबूल करते हैं. लेकिन ये जरूरी है कि दुआ सही तरीके से मांगी जाए. आइए जानते हैं दुआ मांगने का सही तरीका...
रमजान को इबादत का महीना कहा जाता है और इबादतों में एक है तरावीह. ये एक खास तरह की इबादत होती है. तरावीह पढ़ने या सुनने के बाद मांगी गई दुआ अल्लाह जरूर पूरी करते हैं.
रमजान में रात की आखिरी पहर में पढ़ी जाने वाली नमाज ‘तहज्जुद’ का काफी महत्व है. तहज्जुद की नमाज से अल्लाह सभी मुरादें पूरी करते हैं और गुनाहों को माफ करते हैं.
रमजान के दौरान तीसरे अशरे के रोजे की रातों को की गई दुआ अल्लाह पूरी करते हैं. शब-ए-कद्र की रात की गई इबादत को हजारों महीनों की इबादत के समान माना जाता है.
दुआ मांगने से पहले वुजु जरूर करें. साथ ही अल्लाह से अपने सभी गुनाहों की माफी मांगे.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर लिखी गई हैं. द प्रिंटलाइंस इसकी पुष्टी नहीं करता है.)