रथ चले श्रीहरि के, मिट जाएं सारे संकट, इस संदेशों के साथ दें जगन्नाथ रथ यात्रा की बधाई
आज 27 जून से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हो गई है. आज शाम 4 बजे भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर गुंडीचा मंदिर के लिए निकल जाएंगे.
रथ खींचने के लिए भक्तों की भारी भिड़ उमड़ी है. मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति रथ खींचता है या फिर रस्सी छू लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
इस अवसर पर श्रद्धालु अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं देते हैं. ऐसे में हम आपके लिए चुनिंदा संदेश लेकर आए हैं, जिसे आप अपने करीबियों को भेज सकते हैं...
जगन्नाथ की ज्योति से नूर मिलता हैजो भी निःस्वार्थ आता है भगवानजगन्नाथ जी के द्वार पर उसेकुछ ना कुछ जरूर मिलता है
जिनकी दृष्टि से त्रिभुवन सनाथ,वो जग के मालिक जग के नाथ,फैलाकर आज अपने दोनों हाथ,आए अपनाने हमें स्वयं जगन्नाथ
जय जगन्नाथ-जय जगन्नाथ,सब के सिर पर तेरा हाथसंग-संग सदा नाथ का साथ,कैसे कोई हो सकता है अनाथ
गुलाब की महक और फूलों का हार,भक्तों का प्यार लिएखुशियों से भर जाए यह त्यौहार,जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा पर बहुत सारा प्यार!
खुद पर बड़ा विश्वास होजगन्नाथ की आस होआ जाए फिर कोई संकटउसका समूल नाश हो
जगन्नाथ जी की बनी रहे आप पर छाया,पलट दे जो आपकी किस्मत की काया,मिले आपको वो सब इस अपनी जिंदगी में,जो कभी किसी ने भी ना पाया