क्या है अमरनाथ गुफा का इतिहास, जानिए इसके दो बड़े दुश्मनों का नाम

इस साल 3 जुलाई 2025 से अमरनाथ शुरू होने वाली है. ये यात्रा 9 अगस्त तक जारी रहेगी.

भगवान शिव शंकर के जयकारों के बीच भगवती नगर बेस कैंप से बुधवार सुबह अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू से पहला जत्था रवाना हो गया है.

अमरनाथ यात्रा हिंदूओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ यात्रा है. श्री अमरनाथ धाम में देवाधिदेव महादेव को साक्षात विराजमान माना जाता है.

लेकिन क्या आप अमरनाथ गुफा के रहस्य जानते हैं. आइए आज हम आपको बताते हैं इसके दो बड़े दुश्मनों के बारे में...

अमरनाथ यात्रा के सबसे बड़े दुश्मन हैं मौसम और दहशतगर्दी. जून-जुलाई में ही अमरनाथ यात्रा शुरू होती है. साउथ कश्मीर के इस हिस्से में जून-जुलाई में मौसम बहुत खराब होता है.

इस मौसम में बादल फटने की संभावना रहती है. खराब मौसम के चलते यात्रा को रोक दिया जाता है. हालांकि, जो लोग रास्ते में फंसे होते हैं, उन्हें मौसम की मार झेलनी पड़ती है.

वहीं, अमरनाथ यात्रा की दूसरी सबसे बड़ी दुश्मन है दहशतगर्दी. 1933 में तीर्थयात्रा के लिए पहला सुरक्षा खतरा आया. जब पाकिस्तान स्थित हरकत-उल-अंसार ने यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की.

2000 में आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रियों को सीधे टारगेट किया था. इस दौरान 17 तीर्थयात्रियों सहित 25 लोग मारे गए थे. इसके बाद के 2 साल में आतंकी हमले में कई यात्री मारे गए.

हालांकि, 2002 के बाद कोई घटना नहीं हुई. वहीं, 2017 में गुजरात से तीर्थयात्रियों को लेकर आई बस पर हुए आतंकी हमला हुआ, जिसमें 7 तीर्थयात्री मारे गए.

कुछ दिन के बाद केंद्र सरकार ने बताया कि 1990 के बाद से पिछले 27 वर्षों में अमरनाथ यात्रा पर 36 आतंकी हमले हुए जिसमें 53 तीर्थयात्री मारे गए और 167 घायल हुए. इससे ये स्पष्ट है कि आतंकी इस यात्रा को अपना निशाना बानते हैं.