सावन में क्यों नहीं करना चाहिए दूध और साग का सेवन, जानिए वजह

भगवान शिव को समर्पित सावन महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. सावन को जप, तप, शिव साधना का महीना माना जाता है.

इस साल 11 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत होने वाली है. इस महीने में चारों ओर हरियाली होती है और वातावरण खुशनुमा रहता है.

सावन में रहन-सहन के साथ-साथ खान-पान को भी लेकर कुछ नियम हैं. दरअसल, सावन में दूध और साग का सेवन करने से मना किया जाता है. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह...

सावन में भारी बरसात के चलते जमीन में दबे अधिकांश कीड़े ऊपर आ जाते हैं और घास या हरी चीजों को संक्रमित कर देते हैं.

गाय या भैंस उन्हीं हरी घास को खाते हैं, जिससे उनकी दूध भी संक्रमिक हो जाता है. दूध में ये कीटाणु आ जाते हैं, जो हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं.

इसके पीछे धार्मिक मान्यता भी है कि सावन में दूध भगवान शिव को अर्पित किया जाता है. इसलिए इस महीने में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए.

बारिश के कारण साग में छोटे-छोटे कीड़े आ जाते हैं. ऐसे में इसका सेवन करने से सेहत खराब हो सकती है. आप इस महीने में लौकी, परवल, और कद्दू का सेवन कर सकते हैं.

सावन में ऐसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, जो वात को बढ़ाती हो. हरी पत्तेदार सब्जियां वात को बढ़ाती हैं.

ऐसे में सावन में ब्रोकली, जल कुंभी, कासनी, पत्तागोभी, सौंफ, हरा प्याज, सरसों का साग, बथुआ, पुदीना, धनिया, मेथी, मूली के पत्ते, हरा कोलार्ड, सलाद पत्ता का सेवन नहीं करना चाहिए.