पत्रकार से शादी निभाना मुश्किल क्यों? हमसफर बनने से पहले जानें ये बातें
जर्नलिस्ट यानी पत्रकार की जिंदगी किसी फिल्मी दुनिया से कम नहीं होती. उनकी भी ये दुनिया बाहर से ग्लैमरस और अंदर से उतनी ही चुनौतीपूर्ण होती है.
अन्य प्रोफेशन की तुलना में पत्रकारिता बहुत अलग है. इसमें व्यक्ति 7-8 घंटे नहीं, बल्कि 24x7 काम पर ही होता है.
ऐसे में अगर आप किसी पत्रकार को अपना हमसफर बनाने का सोच रहे हैं, तो उनके बारे में कुछ बातें जरूर जान लें. वरना आगे चलकर आपका रिश्ता टूट सकता है...
रिश्तों की डोर मजबूत करने के लिए समय बिताना मायने रखता है. लेकिन पत्रकारों के पास समय की कमी होती है. घर हो या ऑफिस उन्हें हमेशा अपडेट रहना पड़ता है. ऐसे में आप उनसे ये सवाल नहीं कर सकते कि वो आपको टाइम क्यों नहीं देते हैं.
अगर आपका पार्टनर किसी दूसरे लड़के-लड़की से बात करता दिखता है, तो बुरा लगता है. लेकिन पत्रकारों को अलग अलग लोगों के कांटेक्ट में रहना पड़ता है.
मीडिया में मेल-फीमेल एक साथ काम करते हैं. ऐसे में उनके बीच अगर अफेयर होता भी है, तो वो उसे काम का बहाना बताकर छिपा सकते हैं.
पत्रकारिता को नौकरी के तौर पर नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी के तौर पर देखा जाता है. कोई बड़ी घटना घटने पर पत्रकार अपना सारा काम छोड़कर स्टूडियो या फील्ड पर जाते हैं. इस चक्कर में उन्हें पर्सनल लाइफ को भी पीछे छोड़ना पड़ता है.
पत्रकार बातें घूमाने में बहुत तेज होते हैं. उनके साथ बहस करना आसान नहीं होता है. ऐसे में अगर आप उनसे अपनी कोई फीलिंग्स भी शेयर करते हैं, तो वो अपनी लॉजिकल बातें समझाने लगते हैं.
मीडिया फील्ड में जॉब पाना चुनौती भरा होता है. नौकरी मिल भी जाती है, तो उसे बचाए रखना मुश्किल होता है. ऐसे में एम्प्लॉई से अगर कोई बड़ी गलती हो जाती है, तो उसे कंपनी तुंरत बाहर निकाल देती है. ऐसे में इस चुनौती के लिए हमेशा तैयार रहें.