दोस्त की 17 साल की बेटी पर फिदा हो गए जिन्ना, दर्दनाक था प्रेम कहानी का अंत

हर साल 15 अगस्त को भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है. वहीं, 14 अगस्त को पाकिस्तान भी भारत से अलग हुआ था.

पाकिस्तान का निर्माण मोहम्मद अली जिन्ना ने किया था. जिन्ना को ही पाकिस्तान का संस्थापक कहा जाता है.

जिन्ना की जितनी राजनीतिक जिंदगी की चर्चा थी, उतनी ही उनकी प्रेम कहानी भी मशहूर थी. आइए जानते हैं जिन्ना की प्रेम कहानी के बारे में...

दरअसल, 1916 में मशहूर कारोबारी और जिन्ना के पारसी दोस्त सर दिनशा पेटिट ने उन्हें दार्जिलिंग घूमने के लिए आमंत्रित किया.

इसी दौरान जिन्ना की मुलाकात दिनशा की 17 साल की बेटी रतन भाई उर्फ रत्ती से हुई. वो बेहद खूबसूरत, तेज और शिक्षित थी. पहली ही मुलाकात में दोनों को मोहब्बत हो गई.

उस वक्त जिन्न 40 साल के थे. जब जिन्ना ने अपने रिश्ते के बारे में दिनशा से बताया तो वो नाराज हो गए. उन्होंने  जिन्ना से सारे संबंध खत्म कर लिए.

दोस्त के खफा होने के बावजूद जिन्ना ने रत्ती से शादी की. हालांकि, रत्ती पारसी थी और उस दौरान पारसी मैरिज एक्ट के तहत यह शादी मान्य नहीं थी.

ऐसे में जिन्ना ने रत्ती के बालिग होने का इंतजार किया. जब वो 19 साल की हुई तो 19 अप्रैल 1919 को जिन्ना ने उसका धर्म परिवर्तन करवाया और निकाह किया.

जिसके बाद रत्ती का नाम मरियमबाई रखा गया. लेकिन दोनों की प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत हुआ. जिन्ना की बहन फातिमा और रत्ती के बीच झगड़े होने लगे.

जिसके बाद रत्ती अगल रहने लगी और वो डिप्रेशन का शिकार हो गई. उसे नशे की लत हो गई. 10 फरवरी 1929 को रत्ती ने अपने जन्मदिन पर दुनिया को अलविदा कह दिया और इस तरह जिन्ना की प्रेम कहानी का अंत हो गया.