मृत्यु के बाद क्यों बांधे जाते हैं पैरों के अंगूठे, नहीं जानते होंगे ये रहस्य

दुनिया में दो ही चीजें सत्य हैं. एक जीवन और दूसरा मृत्यु. मृत्यु के बाद शव के साथ कई क्रियाएं होती हैं.

जब प्राण निकलते हैं, तो आत्मा शरीर छोड़ देती है. शरीर छोड़ने के बाद भी आत्मा अपने परिवार के पास आना चाहती है.

ऐसे में आत्मा को मोहमुक्त करने के लिए शव का अंतिम संस्कार कर शरीर को अग्नि दी जाती है ताकि वो हर बंधन से मुक्त होकर यमलोक की यात्रा आरंभ कर सके.

अंतिम संस्कार से पहले शव के साथ कई प्रक्रियाएं की जाती है. इन्हीं में से एक है कि शव के पैरों के अंगूठे बांधना.

आइए जानते हैं कि आखिर मृत्यु के बाद पैरों के अंगूठे को क्यों बांधा जाता है...

मृत शरीर के दोनों पैरों के अंगूठों को एक साथ बांधना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे मूलाधार को कुछ इस तरह से सख्त कर दिया जाता है कि उस जीवन को वहां से शरीर के अंदर फिर से प्रवेश न मिले.

ऐसा आत्मा का मोह खत्म करने के किया जाता है, नहीं तो वो शरीर के किसी भी खुले भाग में से होकर शरीर के अंदर आने की कोशिश करेगी.

खासतौर पर मूलाधार से होकर. मूलाधार वो जगह है जहां जीवन शुरू होता है. सनातन धर्म में मूलाधार चक्र को जीवन ऊर्जा का केंद्र माना जाता है.

ऐसे में पैरों की उंगलियों को बांधने से इस चक्र को स्थिर किया जाता है.