नेपाल की चौपाड़ी प्रथा, जिसमें मां-बाप बच्चियों के साथ करते हैं ये काम
हर महीने महिलाओं को पीरियड्स आना एक बायोलॉजिकल टर्म है. ये ना तो कोई बीमारी है और ना अछूती परंपरा.
लेकिन लोग इसे अभी भी अंधविश्वास, बुरी किस्मत टैबू मानते हैं. कई देशों में पीरियड्स के दौरान महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है.
जिसमें से एक है नेपाल. नेपाल में इसे चौपाड़ी प्रथा कहा जाता है, जो सबसे खतरनाक परंपराओं में से एक मानी जाती है.
चौपाड़ी प्रथा के तहत पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपवित्र मानकर उन्हें घर से बाहर झोपड़ियों या गोशालाओं में भेज दिया जाता है.
जहां महिलाओं को न पर्याप्त भोजन मिलता है और न सुरक्षा. जिसके कारण हर साल कई महिलाएं बीमारियों, सांप-बिच्छू के काटने से मर जाती हैं.
नेपाल में ये प्रथा धार्मिक मान्यताओं और अंधविश्वासों से जुड़ी है. वहां के लोगों का मानना है कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं अपवित्र होती हैं.
अगर वो घर में रहेंगी तो दुर्भाग्य आएगा, फसलें खराब हो जाएंगी, मवेशी मर जाएंगे. जिसके कारण लोग महिलाओं को झोपड़ियों में अलग रखते हैं.
नेपाल सरकार ने इस परंपरा पर रोक लगाने के लिए कानून बनाए. 2017 में नेपाल की संसद ने इस प्रथा को अपराध घोषित किया और 2018 से इसके उल्लंघन पर दंड का प्रावधान किया गया.
हालांकि, आज भी इस परंपरा को जड़ से खत्म करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है.