सर्व पितृ अमावस्या पर इन जगहों पर जलाएं दीपक, पितर होंगे प्रसन्न
पितृ पक्ष के दौरान हमारे पितर पृथ्वी पर वास करते हैं, इसलिए हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है.
वहीं अश्विन माह की अमावस्या तिथि यानी सर्वपितृ अमावस्या के दिन हमारे पितर विदा लेते हैं. इसलिए इस तिथि को पितृ विसर्जन के नाम से जानते हैं.
इस साल 21 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाएगी. शास्त्रों के अनुसार इस दिन पूजा-पाठ के अलावा कुछ खास जगहों पर दीपक जलाना चाहिए.
इससे पितर प्रसन्न होते हैं और घर में मां लक्ष्मी का वास होता है. आइए जानते हैं...
सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों का धूप-ध्यान करने के बाद शाम में किसी तालाब या सरोवर किनारे दक्षिण दिशा में मुख करके सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं और उसे जल में छोड़ दें.
ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और घर में तरक्की होती है.
अगर आप पितरों का श्राद्ध नहीं कर पाएं हैं तो सर्व पितृ अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं.
साथ ही द्महे जगत धारिणी धीमहि। तन्नो पितृ प्रचोदयात्॥ इस मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा शांत होती है.
सर्व पितृ अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास घी का दीपक लगाकर विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
सर्व पितृ अमावस्या पर घर के ईशान कोण में यानी कि अपने घर के उत्तर-पूर्व कोने में गाय के घी का दीपक जलाने से भी मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है.