नरक चतुर्दशी पर यम का दीपक जलाते समय न करें ये गलतियां, वरना...

हिंदू धर्म में नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली का विशेष महत्व है. 

इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है और इनके नाम दीपदान भी किया जाता है.

ऐसी मान्यता है कि इस यम का दिया निकालने से मृत्यु के देवता यमराज प्रसन्न होते हैं, जिससे परिवार में किसी की अकाल मृत्यु नहीं होती है.

शास्त्रों के अनुसार, यम का दीपक जलाते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहज जरूरी है. आइए जानते हैं...

यम दीप हमेशा चार मुख वाला ही जलाएं और इसमें चार बाती भी लगाएं. यम दीप के चार बातियों को चार दिशाओं में रोशनी फैलाने का प्रतीक माना जाता है.

यम दीपक हमेशा दक्षिण दिशा में ही जलाना चाहिए, क्योंकि इसे यमराज की दिशा मानी जाती है. साथ ही दिया या तो मिट्टी का हो या फिर आटे का बना हो.

यम दीप जलाने के साथ ही अन्य 14 दीपक भी जलाना चाहिए. इसे आप घर के अलग-अलग स्थानों जैसे- पूजाघऱ, रसोई, पीने के पानी के स्थान पर, तुलसी के पास, मुख्य द्वार, छत और बाथरूम आदि स्थानों पर जला सकते हैं.

यम दीप जलाने के बाद सबसे पहले इस पूरे घर में घुमाएं फिर घर के बाहर किसी दक्षिण दिशा वाले स्थान पर रख दें.