शराब में ऐसा क्या होता है कि एक पेग मारते ही गायब हो जाती है सारी झिझक

अक्सर आपने लोगों से ये कहते सुना होगा कि शराब पीने के बाद उनकी सारी टेंशन दूर हो जाती है और उनके अंदर कॉन्फिडेंस आ जाता है.

कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जो असल जिंदगी में बहुत कम बोलते हैं, लेकिन शराब का एक घूंट पीते ही वो बहुत बोलते हैं.

ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर शराब में ऐसा क्या होता है कि लोग उसे पीते ही इतने आत्मविश्वासी बन जाते हैं... 

दरअसल, जब कोई शराब पीता है, तो ये शरीर में जाकर सीधे मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर यानी दिमागी रसायनों के संतुलन को बिगाड़ देता है. 

जिसमें सबसे अहम भूमिका GABA (Gamma-Aminobutyric Acid) नामक रसायन की होती है.

शराब GABA की तरह काम करने लगती है, ये दिमाग की गतिविधि को धीमा करती है, जिससे व्यक्ति को तनाव में कमी और सुरक्षा का झूठा अहसास महसूस होता है. 

इसी कारण लोग कहते हैं कि एक पेग के बाद उनकी सारी झिझक गायब हो जाती है. शराब दिमाग के प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स को भी प्रभावित करती है. 

प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स वो हिस्सा है, जो तर्क, नियंत्रण और समझदारी से फैसले लेने में मदद करता है. जब ये सुस्त हो जाता है, तो व्यक्ति की झिझक कम हो जाती है.

शराब डोपामाइन नामक के रसायन को भी बढ़ाता है, जो दिमाग में खुशी जगाता है. इससे व्यक्ति को खुशी के साथ साथ आत्मविश्वास और संतुष्टि का अनुभव होता है.