मासिक शिवरात्रि पर इस विधि से करें पूजा, अच्छे वर की होगी प्राप्ति

प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. 18 नवंबर को मासिक शिवरात्रि के साथ आडल योग भी बन रहा है. 

इस दिन जातक भोलेनाथ की अराधना करते हैं और कुछ लोग व्रत भी रखते हैं. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है. 

मान्यता है कि इस दिन कुंवारी कन्याओं को व्रत रखने से महादेव की कृपा रहती है और अच्छे वर की प्राप्ति होती है. 

वहीं, विवाहित महिलाओं के व्रत रखने से उनके वैवाहिक जीवन बेहतर बना रहता है.

ऐसे में आइए जानते हैं कि मासिक शिवरात्रि के दिन किस विधि से पूजा करनी चाहिए...

मासिक शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, फिर पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें.

एक चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करें, गंगाजल से अभिषेक करें और बिल्वपत्र, चंदन, अक्षत, फल और फूल चढ़ाएं. 

भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र के जाप से भी लाभ मिलता है. 11 बार रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करें. शिवलिंग के सम्मुख बैठकर राम-राम जपने से भी भोलेनाथ की कृपा बरसती है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आडल योग एक अशुभ योग माना जाता है, जिसमें शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है. 

ऐसे में बचने के लिए धर्मशास्त्रों में सूर्य पुत्र की पूजा की विधि बताई गई है, जिसके करने से उनकी कृपा बनी रहती है और दुष्प्रभाव भी खत्म होते हैं.