शपथ ग्रहण के दौरान सरकार गठन के लिए कौन मांगता है राज्यपाल से अनुमति, क्या है नियम?
पटना में नीतीश कुमार की नई सरकार का शपथ ग्रहण हो चुका है, उन्होंने 10वीं बार सीएम पद की शपथ ली है.
ऐसे में सवाल ये है कि आखिर राज्यपाल से नई सरकार बनाने की अनुमति आखिर कौन लेता है और इसके क्या नियम है?
दरअसल, जिस पार्टी या गंठबंधन के पास बहुमत होता है उसके नेता के पास ही राज्यपाल से अनुमति लेने का अधिकार होता है.
सबसे पहले समझते हैं कि राज्यपाल से अनुमति लेने का अधिकार किसके पास होता है. इसका सीधा जवाब है, बहुमत वाला गठबंधन या बहुमत का नेता.
बहुमत वाला गठबंधन या बहुमत का नेता चुनाव के नतीजे आने के बाद पार्टी या गठबंधन बहुमत के आंकड़े तक पहुंचता है.
वही राज्यपाल को पत्र लिखकर बताता है कि वे सरकार बनाने की स्थिति में हैं. यह पत्र गठबंधन के नेता के हस्ताक्षर से जारी होता है.
इसके बाद राज्यपाल उसकी जांच करते है और बहुमत वाले दल के नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर देते हैं.
शपथ ग्रहण समारोह की तारीख और समय भी राज्यपाल ही तय करते हैं.
आम तौर पर मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए नेता सबसे पहले शपथ लेते हैं, उसके बाद कैबिनेट मंत्रियों को बुलाया जाता है.
संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार, मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करते हैं, और मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर होती है.
यानी सरकार गठन की शुरुआत भले ही गठबंधन नेता करे, लेकिन अंतिम मुहर राज्यपाल की ओर से लगती है.