आखिर विदाई के वक्त दूल्हन क्यों फेंकती है चावल? जानिए रहस्य 

हिंदू धर्म में शादी से जुड़ी कई रस्में निभाई जाती हैं, जिसका कोई न कोई धार्मिक महत्व होता है.

इन्हीं रस्म में से एक है विदाई के वक्त चावल फेंकने की. इस रस्म में दुल्हन विदाई के समय अपने पीछे चावल फेंकती है. 

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस रस्म का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है. आइए जानते हैं...

हिंदू धर्म में बेटियों को मां लक्ष्मी या अन्नपूर्ण का रूप माना जाता है. जब शादी के समय दुल्हन अपने मायके से विदा होती है. 

तो माना जाता है कि वो अपने मायके के लिए सुख समृद्धि और धन वैभव की कामना करती है.

चावल फेंकने की रस्म ये दर्शाती है कि उसके मायके में कभी भी धन या अन्न की कमी न हो. 

चावल को धन, समृद्धि और शुभता से जोड़ा जाता है. इसी वजह से विदाई के समय चावल का उपयोग किया जाता है. 

इस रस्म को मायके को खराब नजर से बचाने और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाएं रखने के लिए भी की जाती है.

ये रस्म इसलिए भी की जाती है, ताकि दुल्हन अपने परिवारवालों का धन्यवाद कर सकें. ये रस्म किसी भी दुल्हन के लिए खास माना जाता है.