रिल्स देखना आपके दिमाग को कर रहा स्लो, याद्दाश्त और सीखने की क्षमता हो रही कमजोर
आजकल लोग अक्सर बोरियत, अकेलेपन या तनाव से बचने के लिए दोस्तों या संगे संबंधियों से बात करने के बजाय रील्स देखना पसंद करते है.
लेकिन क्या आपको पता है कि ज्यादा रिल्स देखना आपके दिमाग को ओवरस्टिमुलेट कर सकती है.
जी हां. ज्यादा रिल्स देखना आपके ध्यान, फैसले लेने की क्षमता और इमोशनल हेल्थ प्रभावित कर सकती है.
Gen-Z स्लैंग के रूप में शुरू हुआ ‘ब्रेन रॉट’ शब्द ब्रेन फॉग, ध्यान भटकाव और समझने-सीखने की क्षमता में कमी के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
ब्रेन रॉट लगातार शॉर्ट वीडियो स्क्रॉल करने से होती है
दरअसल, कुछ ही मिनट में सैकड़ों वीडियो देखने से दिमाग तेजी से उत्तेजित होता है, जो दिमाग की काम करने की क्षमता को प्रभावित करता है.
रील्स देखने की लत का सबसे बड़ा साइलेंट विक्टिम है नींद.
देर रात स्क्रॉलिंग से नींद की गुणवत्ता गिरती है, जिससे चिड़चिड़ापन और थकान होती है.