छींकते समय क्यों बंद हो जाती हैं आंखें, क्या है इसकी वजह?
क्या आपने कभी सोचा है कि जब भी कोई इंसान छींकता है, तो आंखें अपने-आप क्यों बंद हो जाती हैं?
यह सिर्फ आपकी आदत नहीं, बल्कि शरीर का एक रहस्यमय रिफ्लेक्स है, जिसके पीछे छुपा है बेहद दिलचस्प वैज्ञानिक सच.
दरअसल, जब नाक या श्वसन तंत्र में किसी बाहरी कण, धूल, एलर्जी, या बैक्टीरिया ने घुसपैठ की हो, तो हमें छींक आती है.
शरीर इन अवांछित तत्व को बाहर निकालने के लिए अचानक तेज प्रेशर बनाता है और नाक-मुंह से हवा को जोरदार तरीके से बाहर निकालता है. इसे ही sneeze reflex कहा जाता है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, छींक के दौरान शरीर के भीतर बहुत तेज हवा का दबाव होता है, इसलिए आंखें बंद करना एक स्वाभाविक सुरक्षा उपाय है.
दरअसल छिकतें समय मुंह से लाखों माइक्रोब्स, बैक्टीरिया और हवा में मौजूद नन्हे कण बाहर निकलते हैं.
ऐसे में यदि आंखें खुली रहें तो ये कण सीधा आंखों के संवेदनशील हिस्सों में पहुंच सकते हैं और बीमारियों को जन्म दे सकती है.
विशेषज्ञों की माने तो छींकते समय आंखें बंद होने के पीछे सबसे मजबूत कारण है ट्राइजेमिनल नस, जो चेहरे, आंख, नाक, मुंह और जबड़ों को नियंत्रित करती है.
ऐसे में जब नाक में कोई परेशानी महसूस होती है और दिमाग छींकने का आदेश देता है, तो यह आदेश ट्राइजेमिनल नस तक भी पहुंचता है.
इस दौरान नस अपनी सुरक्षा प्रणाली सक्रिय करती है और आंखों की मांसपेशियों को तुरंत बंद कर देती है. यह रिफ्लेक्स इतना तेज होता है कि इसे रोक पाना लगभग असंभव है.