दुनिया के वो देश, जहां 1 जनवरी को नहीं मनाया जाता New Year
बस कुछ दिन के इंतजार के बाद नया साल आने वाला है. हर साल 1 जनवरी को भारत समेत तमाम जगहों पर नए साल का जश्न मनाया जाता है.
लेकिन क्या आपको पता है कि कई सारे ऐसे देश हैं जहां फस्ट जनवरी को न्यू ईयर न सेलिब्रेट करके किसी और दिन सेलिब्रेट किया जाता है.
चीन में चंद्रमा आधारित कैलेंडर को प्राथमिकता दी जाती है. ऐसा कहा जाता है कि यहां हर तीन साल में सूर्य आधारित कैलेंडर से इसका मिलान किया जाता है और इसी के हिसाब से इनका नव वर्ष 20 जनवरी से 20 फरवरी के बीच पड़ता है.
थाईलैंड में थाई नव वर्ष या जल महोत्सव 1 जनवरी को न मनाकर, अप्रैल के मध्य में मनाया जाता है. दरअसल, यहां 13 या 14 अप्रैल को नव वर्ष का जश्न मनाया जाता है.
भारत में बेशक ही 31 दिसंबर को नववर्ष का सेलिब्रेशन किया जाता है और 1 जनवरी को नव वर्ष मनाया जाता है. लेकिन वास्तव में यहां हर धर्म का अपना एक कैलेंडर है और उसी के हिसाब से न्यू ईयर सेलिब्रेशन होता है. बता दें कि हिंदू धर्म के अनुसार नववर्ष चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है.
कंबोडिया का न्यू ईयर 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है. इस दिन यहां के लोग शुद्धि समारोह में शामिल होते हैं. शुद्धि समारोह का मतलब होता है कि खुद को पवित्र करते हैं और धार्मिक स्थानों पर जाते हैं.
वहीं, श्रीलंका में नया साल अप्रैल महीने के मध्य में मनाया जाता है. यहां नए साल के पहले दिन को अलुथ अवरुद्दा कहा जाता है. इस दिन यहां के लोग प्राकृतिक चीजों से स्नान करते हैं.
इथियोपिया में नए साल को ‘एनकुतातश’ कहा जाता है जो 11 या 12 सितंबर को मनाया जाता है. इथियोपिया में इस दिन इथियोपियाई लोग गीत गाते हैं और एक-दूसरे को फूल देकर नए साल का जश्न मनाते हैं.
मंगोलिया में नव वर्ष 16 फरवरी को सेलिब्रेट किया जाता है. यहां नव वर्ष का उत्सव पूरे 15 दिनों तक चलता है. इस दौरान, लोग पारंपरिक कपड़े पहनते हैं और पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने, कर्ज चुकाने और विवादों को सुलझाने के लिए एक जगह इकट्ठा होते हैं.
नेपाली परंपरा के अनुसार यहां हर साल 14 अप्रैल को नया साल मनाया जाता है. इस दिन नेपाल में छुट्टि रहता है. यहां के लोग पारंपरिक परिधान पहनकर इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं.