अक्षय नवमी पर ऐसे करें आंवला के पेड़ की पूजा, पुण्य की होगी प्राप्ति 

हर साल कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का व्रत रखा जाता है. इसे अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है.

ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने और इस दिन आंवला की पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. 

और हमारे जाने अनजाने में किए पापों से मुक्ति मिल जाती है. इस साल 30 अक्टूबर को आंवला नवमी का व्रत रखा जाएगा. आइए जानते हैं कैसे करें आंवला के पेड़ की पूजा...

इस दिन प्रातःकाल जागने के बाद स्नानादि से निवृत्त होकर आंवले के वृक्ष के नीचे जाएं.

इस दिन के पूजन में जल, रोली, अक्षत, गुड़, बताशा, आंवला और दीपक घर से लेकर जाएं.

आंवले के वृक्ष की जड़ में दूध की धारा गिरा कर तने में चारो तरफ सूत लपेटें.

इसके बाद कपूर या घी की बाती से आरती करके 108 परिक्रमाएं लगाएं.

आंवला के वृक्ष के नीचे ब्राम्हण को भोजन कराएं और सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा दें.

इसके बाद खुद भी प्रसाद के रूप में आंवला के वृक्ष के नीचे भोजन करें.