क्या आपको पता है बाबा अमरनाथ गुफा में बैठे कबूतर के जोड़ा का रहस्य, जानकर हो जाएंगे हैरान
हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा करते हैं. ये यात्रा सबसे कठिन यात्राओं में से एक है. गुफा में खुद बाबा अमरनाथ का बर्फ का शिवलिंग प्रकट होता है.
कहते हैं इस गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर होने की कथा सुनाई थी. हर साल यात्रा की शुरुआत जून-जुलाई में होती है. इस साल अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरु होगी.
अमरनाथ यात्रा की जब बात होती है, तो एक कबूतर के जोड़े का भी जिक्र होता है. आइए आपको बताते हैं ये कबूतर का जोड़ा हमेशा इस गुफा में क्यों बैठा रहता है. आइए जानते हैं इसकी पौराणिक कहानी.
पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव से अमरत्व के रहस्य के बारे में पूछा. इस रहस्य को भोलेनाथ माता पार्वती से लंबे समय से छुपा रहे थे. भगवान शिव ने आखिरकार रहस्य को बताने का सोचा तो वह माता पार्वती को हिमालय की इस गुफा में ले गए.
भगवान शिव का गुफा में ले जाने का कारण ये था कि उनके रहस्य को कोई और नहीं सुन पाए. ऐसा इसलिए था क्योंकि जो भी कोई भी इस कथा को सुन लेता है वो अमर हो जाता है.
शेषनाग के बाद एक पड़ाव गणेश का है. यहां पर भगवान शिव पुत्र गणेश को छोड़ दिया था. इसके बाद भगवान शिव ने अपने 5 तत्वों को अलग-अलग करके माता पार्वती को अमरत्व की कहानी सुनाई थी.
जब भगवान शिव माता पार्वती को कहानी सुना रहे थे तो उनको नींद आ गई थी और वो सो गईं थी. लेकिन भगवान शिव को इसका पता नहीं चला था. बीच में शिव जी को गूं-गूं की आवाज की सुनाई दी.
इसके बाद भगवान शिव ने देखा की दो कबूतर कथा सुन रहे थे. ये देखकर भोलेनाथ क्रोधित हो गए और उनको मारने के लिए चल पड़े. इस पर कबूतरों ने कहा कि आप अगर हमें मार देंगे तो अमरत्व की कथा झूठी हो जाएगी.
इसके पर भगवान शिव ने कबूतरों को छोड़ दिया. फिर भगवान शिव ने वरदान दिया कि वो कबूतर इस स्थान पर शिव पार्वती के प्रतीक चिन्ह के रूप में निवास करोगे.
जानकारी के लिए बता दें कि अमरनाथ में ऑक्सीजन लेवल कम होता है. लेकिन फिर भी वहां कबूतर रहते हैं. अमरनाथ जी के दर्शन के दौरान अगर इन कबूतरों के दर्शन हो जाए तो बहुत शुभ माना जाता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)