अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती आज, जानें उनके प्रेरणादायक विचार

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को मनाई जाती है.

यह तिथि भारतीय लोकतंत्र की उस परंपरा का उत्सव है, जिसमें विचारों की गरिमा, शब्दों की मर्यादा और राष्ट्रहित सर्वोपरि रहता है.

अटल जी राजनीति के शोर में भी संयत, स्पष्ट और दूरदर्शी रहें और विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं.

अटल जी का व्यक्तित्व हमें याद दिलाता है कि सशक्त नेतृत्व वही है, जो कठोर निर्णय ले, पर मानवीय मूल्यों को न छोड़े. ऐसे में चलिए उनके वचनों को जानते हैं.

जीवन को टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता, उसका ‘पूर्णता’ में ही विचार किया जाना चाहिए.

शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होनी चाहिए. ऊंची से ऊंची शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से दी जानी चाहिए.

राष्ट्र कुछ संप्रदायों तथा जनसमूहों का समुच्चय मात्र नहीं, अपितु एक जीवमान इकाई है

अमावस के अभेद्य अंधकार का अंतःकरण पूर्णिमा की उज्ज्वलता का स्मरण कर थर्रा उठता है.

निरक्षरता और निर्धनता का बड़ा गहरा संबंध है