घर पर राम मंदिर का ध्वज लगाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, वरना...
अयोध्या भव्य राम मंदिर में आज ध्वजारोहण किया गया. इस खास मौके पर पूरा देश उत्साहित है. आज अयोध्या नगरी में लोग अपने घरों पर भी राम ध्वज फहरा रहे हैं.
सनातन धर्म में मांगलिक और शुभ कार्य के दौरान ध्वज लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन इसे भी लेकर वास्तु शास्त्र में कुछ नियम बताए गए हैं.
यदि नियम के अनुसार इस ध्वज को नहीं लगाया जाता है तो दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं. ऐसे में अगर आप भी अपने घर पर ध्वज लगाना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं कि किन नियमों का पालन करना चाहिए…
बता दें कि ध्वज भी कई प्रकार के होते हैं. युद्ध में लहराए जाने वाले और घर पर लगाए जाने वाले ध्वजों में फर्क होता है. रणभूमि में 8 तरह के ध्वजों का इस्तेमाल होता है.
लाल झंडा मार-काट का तथा विशाल झंडा युद्ध और क्रांतिकारी का प्रतिक होता है. हर योद्धा युद्ध के दौरान अपना अलग-अलग झंडे का उपयोग करता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, आप घर पर तीन रंग केसरिया, भगवा और पीला में से कोई भी एक झंडा लगा सकते हैं. इन तीनों रंगों को हिंदू धर्म में शुभ माना गया है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर ध्वज को वायाव्य कोण में लगाएं. ये दिशा ध्वज लगाने के लिए शुभ और मंगलकारी मानी गई है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, आप घर पर ऊँ या स्वास्तिक बान हुआ केसरिया रंग का ध्वज लगाएं. ध्वज दो प्रकार के होते हैं. एक ध्वज में केवल एक त्रिभुजाकार होते हैं और दूसरे में दो त्रिभुजाकार होते हैं. आप इन दोनों में से कोई भी घर पर लगा सकते हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर ध्वज लगाने से मनुष्य को मान-सम्मान के साथ साथ विजय की भी प्राप्ति होती है. इसे लगाने से व्यक्ति के जीवन के सभी रोग-दुख दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
राम पताका एक त्रिभुजाकार भी हो सकता है और दो त्रिभुजाकार भी, लेकिन ये ध्यान रहे कि उस ध्वज पर जय श्री राम, श्री राम का चित्र, हनुमान जी का चित्र या धनुष बना हुआ हो.