रवींद्रनाथ टैगोर की 164वीं जयंती आज, यहां पढ़ें उनके अनमोल विचार

हर साल बंगाली महीने वैशाख  के 25वें दिन रवींद्रनाथ टैगोर जयंती मनाई जाती है. आज रवींद्रनाथ टैगोर की 164वीं जयंती है.

कोलकाता में सन 1861 में जन्मे रवींद्रनाथ टैगोर ने भारतीय सांस्कृतिक पुनर्जागरण में अग्रणी भूमिका निभाई. टैगोर जी की जयंती पर हम आपके लिए उनके अनमोल विचार लेकर आए हैं...

जीवन की चुनौतियों से बचने की बजाए उनका निडर होकर सामना करने की हिम्मत मिले, इसकी प्रार्थना करनी चाहिए.

यदि आप सभी त्रुटियों के लिए दरवाजा बंद कर दोगे तो सच अपने आप बाहर बंद हो जाएगा.

जिस तरह घोंसला सोती हुई चिड़िया को आश्रय देता है उसी तरह मौन तुम्हारी वाणी को आश्रय देता है.

विश्वविद्यालय महापुरुषों के निर्माण के कारख़ाने हैं और अध्यापक उन्हें बनाने वाले कारीगर हैं.

दोस्ती की गहराई परिचित की लंबाई पर निर्भर नहीं करती.

आप समुद्र के किनारे खड़े होकर और उसके जल को घूरकर पार नहीं कर सकते हैं.

तितली महीने की नहीं, बल्कि प्रत्येक क्षण की गिनती करती है. उसके पास पर्याप्त समय होता है.

जो लोग अच्छाई करने में स्वयं को ज्यादा व्यस्त रखते हैं, वह स्वंय को अच्छा बनने के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं.