महालया अमावस्या पर ऐसे करें पितरों की विदाई, यहां जानें विधि

महालया यानी "महान निवास" या "देवी का घर". ये पितृ पक्ष के समाप्त होने और मां दुर्गा के आगमन की शुरुआत का प्रतीक है.

इस साल 21 सितंबर को महालया है. इसे सर्व पितृ अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन पितरों की विदाई की जाती है. 

ऐसे में आइए जानते हैं कि महालया अमावस्या पर पितरों को कैसे विदा करना चाहिए... 

इस दिन नदी या तालाब के किनारे तिल और जौ से युक्त जल तर्पण के रूप में दक्षिण दिशा में अर्पित करें, ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें.

इस दिन पूर्वजों को भोजन कराने के लिए केले के पत्ते पर देवी-देवताओं, गाय, कौए, कुत्ते और चींटियों के लिए पंचबलि भोग निकालें.

महालया अमावस्या की रात को नदी किनारे दीपदान करें. इसके अलावा घर में भी पानी रखने वाली जगह पर तेल का दीपक लगाएं. साथ ही पीपल के पास भी दीपक जताएं. 

अब पितरों से अपनी गलतियों के लिए क्षमा माँगें और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करें.

इस दिन भूल से भी किसी व्यक्ति का दिल न दुखाएं.

महालया अमावस्या के दिन किसी के लिए मन में घृणा और द्वेष का भाव न रखें. इस दिन घर में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें.