क्या जेल से मंत्री पद की शपथ ले पाएंगे अनंत सिंह, जानिए क्या कहता है कानून

मोकामा विधानसभा सीट बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सबसे विवादित सीटों में से एक थी. 

इस सीट से JDU के बाहुबली अनंत सिंह और RJD की वीणा देवी चुनावी मैदान में थीं. इस सीट पर अनंत सिंह ने 29,710 वोट से जीत हासिल की है. 

ऐसे में हर किसी के मन में यही सवाल है कि क्या अनंत सिंह जेल से ही पद की शपथ ले सकते हैं या नहीं.

अनंत सिंह न्यायिक हिरासत में है इस वजह से वो अदालत की अनुमति मिलने पर ही जेल से बाहर आ सकते हैं.

ऐसे में अब अनंत सिंह शपथ ग्रहण कर पाते हैं, विधानसभा में उपस्थित हो पाते हैं और विधायक के रूप में काम कर पाते हैं ये पूरी तरह से अदालत के फैसले पर निर्भर करता है.

अनंत सिंह की गिरफ्तारी काफी नाजुक समय पर हुई है. जिस कथित हत्या के मामले में वो जेल में है उसमें पुलिस ने अभी तक आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है. 

जब तक ऐसा नहीं हो जाता उनकी जमानत मिलने की संभावना कम है. जब तक पुलिस ये प्रक्रिया पूरी नहीं कर लेती तब तक अदालतें भी आमतौर पर हत्या जैसे गंभीर मामलों में जमानत देने से बचती हैं. 

कभी-कभी अदालत निर्वाचित प्रतिनिधियों को शपथ लेने के लिए एक अस्थायी जमानत या फिर कस्टडी पैरोल दे देती है. 

लेकिन यह कोई अधिकार नहीं है बल्कि यह पूरी तरह से अदालत के विवेक पर निर्भर करता है. न्यायाधीश द्वारा आरोपों की गंभीरता, गवाहों से छेड़छाड़ की संभावना और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए जोखिम पर विचार किया जाता है. 

अगर अनुमति मिल भी जाती है तो ऐसी राहत अक्सर प्रतिबंधों के साथ आती है और शपथ लेने के तुरंत बाद निर्वाचित प्रतिनिधियों को वापस जेल लौटना पड़ता है.