डूबते सूर्य को अर्घ्य देते समय दउरा में जरूर रखें ये चीजें, जानिए नाम
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ महापर्व की शुरुआत होती है.
आज से छठ महापर्व की शुरुआत हो रही है. छठ का तीसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन श्रद्धालु सूर्यास्त के समय छठी माता और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं.
शास्त्रों के अनुसार, अर्घ्य देते समय बांस के दऊरा में कुछ सामग्री को रखना जरूरी होता है. आइए जानते हैं...
ठेकुआ छठ पूजा का मुख्य प्रसाद है. यह गेहूं के आटे, गुड़ और घी से बनाया जाता है. इसे सूर्य देव को समर्पित किया जाता है.
थाली में मौसमी फल जैसे केला, नारियल, अमरूद, नींबू, गन्ना, सेब, शक्करकंद और नारंगी रखना शुभ माना जाता है. यह प्रकृति की समृद्धि का प्रतीक होता है.
नारियल संपूर्णता और पवित्रता का प्रतीक है. इसे थाली में रखा जाता है या कलश के ऊपर स्थापित किया जाता है.
दीपक से सूर्य देव की आराधना की जाती है और अगरबत्ती से वातावरण को पवित्र बनाया जाता है.
सिंदूर और हल्दी शुभता और सौभाग्य का प्रतीक है. महिलाएं पूजा के समय सिंदूर लगाती हैं और हल्दी का प्रयोग शुभ माना जाता है.
सुप में प्रसाद और अर्घ्य की वस्तुएं रखी जाती हैं, जबकि करवा में जल भरकर सूर्य देव को अर्पित किया जाता है.
गन्ना लंबी आयु का प्रतीक है और मूली तपस्या व पवित्रता का प्रतीक मानी जाती है.
पान, सुपारी और लौंग-इलायची को अर्घ्य देने की आवश्यक सामग्री में शामिल किया जाता है.