EVM से कैसे होती है वोटों की गिनती, क्या हैं नियम; यहां जानिए

आज 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान जारी है. मतदाता ईवीएम के जरिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं.

अब ईवीएम के जरिए मतदान हो रहा, तो हर बार की तरह इस बार भी बहुत सारे आरोप लगेंगे और सवाल उठेंगे.

ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि EVM से वोटों की गिनती कैसे होती है और इसके क्या नियम हैं...

भारत में 1998 से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल चुनावों में हो रहा है. ईवीएम ने मतदान प्रक्रिया को ज़्यादा पारदर्शी, कुशल और विश्वसनीय बना दिया है.

मतदान के बाद ईवीएम को सील कर दिया जाता है. इसके बाद मतदान केंद्र से सुरक्षित स्थान यानी स्ट्रांग रुम में ले जाया जाता है.

जिले में सभी ईवीएम को पहले से बनाए गए निर्धारित स्थान पर इकट्ठा किया जाता है, जिसे मतगणना केंद्र कहा जाता है.

मतगणना केंद्र पर चुनाव अधिकारी गिनती के लिए ईवीएम की सील खोलते हैं. वह कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट में अलग करते हैं.

इसके बाद मतगणना केंद्र पर कंट्रोल यूनिट को एक रीडिंग मशीन से जोड़ा जाता है. रीडिंग मशीन ईवीएम में डाले गए वोटों की संख्या को पढ़ती है और उसे एक 'मतगणना शीट' पर रिकॉर्ड करती है.

मतगणना शीट पर रिकॉर्ड किए गए वोटों की संख्या को विभिन्न उम्मीदवारों को मिले वोटों की संख्या के साथ मिलान किया जाता है.

ये मिलान वोटिंग ऑफिसर और पार्टी एजेंट की उपस्थिति में किया जाता है. वोटों की गिनती पूरी होने के बाद, मतगणना अधिकारी परिणामों की घोषणा करते हैं.