तुलसी विवाह के दिन करें ये खास उपाय, विवाह में आ रही बाधाएं होंगी दूर
सनातन धर्म में देवउठनी एकादशी यानी तुलसी विवाह का विशेष महत्व होता है.
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के योग निद्रा से जागते ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं.
इस दिन कन्या के विवाह की तरह ही तुलसी और शालीग्राम का विवाह कराया जाता है.
शास्त्र के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन कुछ उपाय करने से वैवाहिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है. साथ ही दांपत्य जीवन भी सुखमय होता है. आइए जानते हैं कि इस दिन कौन से खास उपाय करने चाहिए…
अगर किसी लड़की के विवाह में बाधा आ रही है तो, देवउठनी एकादशी के दिन आप 5 तुलसी दल ले लें. ध्यान रहे कि इस दिन तुलसी के पत्ते को न तोड़ें.
आप पहले से ही तुलसी दल इकट्ठा कर सकते हैं. अब उस पर हल्दी का टीका लगाकर, श्री हरि को अर्पित कर दें. ऐसा करने से विवाह में आ रही सभी अड़चनों से छुटकारा मिलता है.
यदि आप अपने संतान की वैवाहिक समस्या दूर करना चाहते हैं तो, देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे और भगवान विष्णु को इलायची का जोड़ा अर्पित कर उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करें.
इसके बाद उस इलायची के जोड़े को अपनी संतान को ग्रहण करने के लिए दे दें.
कई लोगों का दांपत्य जीवन सुखमय नहीं होता है. यदि आप इस समस्या से जूझ रहे हैं तो देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में श्रृंगार का सामान चढ़ाएं.
तुलसी मां की पूजा करें. इसके बाद उस श्रृंगार के सामान को सुहागिन महिला को भेंट दे दें. ऐसा करने से रिश्तों में मधुरता आती है.