Garuda Purana: पाप नहीं महापाप होते हैं ये 5 काम, मरने के बाद मिलता है नरक
हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है. इस पुराण में 271 अध्याय और 18 हजार श्लोक हैं.
नारायण ने गरुड़ पुराण में जन्म से लेकर मृत्यु तक की घटनाओं का वर्णन विस्तार पूर्वक किया है. गरुड़ पुराण में व्यक्ति के कर्मों के बारे में बताया गया है.
जो व्यक्ति अच्छा कर्म करता है उसे सद्गति की प्राप्ति होती है. वहीं, बुरे कर्म करने वालों को नरक में स्थान मिलता है. गरुड़ पुराण में कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया गया है जो महापाप की श्रेणी में आते हैं.
जो व्यक्ति इन कामों को करता है उसे नरक में स्थान मिलता है. साथ ही उसे कई तरह की यातनाएं भी झेलनी पड़ती हैं. आइए बताते हैं कौन से हैं वो काम...
गरुड़ पुराण में भ्रूण, नवजात और गर्भवती स्त्रियों की हत्या करना या कराना महापाप माना गया है.
जो स्त्री का अपमान करते हैं, उसे प्रताड़ित करते हैं या उसके साथ गलत कार्य करते हैं उसे दुर्गति मिलती है.
किसी पराई स्त्री पर बुरी दृष्टि रखने वालो, गलत बर्ताव करने वाला, उसका शोषण करने वाले महापापी माना गया है.
जो लोग धर्म ग्रंथों, मंदिर, पूजा-पाठ के नियमों का मजाक उड़ाते हैं, उन्हें भी गरुड़ पुराण में महापापी माना गया है.
जो लोग बूढ़े, बुजुर्ग, असहाय, कमजोर और जरूरतमंदों को सताते हैं, उन्हें मरने के बाद अपने कर्मों का हिसाब चुकाना पड़ता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.