गणेश चतुर्थी पर अपनी मनोकामना अनुसार ले आएं बप्पा की प्रतिमा, जानें
धार्मिक मान्यतानुसार गौरी पुत्र भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन हुआ था.
इनके जन्मोत्सव को पूरे भारत में बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. गणेश उत्सव पर्व का जश्न पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है.
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है, जिसे 10 दिन तक विधि विधान से पूजा के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जित किया जाता है.
बता दें कि अलग अलग मनोकामनाओं के लिए भगवान श्री गणेश अलग-अलग आकृतियों की आराधना की जाती है.
ऐसे में यदि आपकी कोई विशेष मनोकामना है तो इस बार गणेश चतुर्थी पर अपनी मनोकामना के अनुसार बप्पा की प्रतिमा लगाएं.
यदि आप संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं और काफी प्रयासों के बाद भी सफल नहीं हो पा रहे हैं तो गणेश उत्सव पर बाल गणेश की प्रतिमा घर लाएं.
घर में उन्नति और सुख-शांति के लिए गणेश जी की नृत्य करती हुई मुद्रा वाली प्रतिमा घर लाएं. साथ ही जो लोग कला की क्षेत्र से जुड़े हैं, उन्हें भी घर में नृत्य करते हुए गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए.
यदि आप घर में शुख-समृद्धि चाहते हैं तो गणेश जी की ऐसी प्रतिमा घर लाएं जिसमें गणपति बप्पा आराम करने की मुद्रा में हों.
जब भी आप भगवान गणेश की प्रतिमा लें इस बात का ध्यान रखें कि उनका एक हाथ वरदान की मुद्रा में हो, वहीं एक हाथ में शंख और एक हाथ में लडडू होना चाहिए. साथ ही उनका वाहन मूषक राज भी अवश्य हो. ऐसी प्रतिमा शुभ मानी जाती है.