कमजोर और टूटते नाखून देते हैं इन बीमारी का संकेत, न करें नजरअंदाज
हमारी त्वचा, बाल और नाखून सेहत का आईना होते हैं. जब शरीर भीतर से मजबूत होता है, तब नाखून चमकदार और मजबूत होते हैं.
लेकिन जैसे ही शरीर में पोषण की कमी होने लगती है, सबसे पहले असर नाखूनों पर दिखाई देता है, वे टूटने लगते हैं, छिलने लगते हैं.
आयुर्वेद और विज्ञान, दोनों मानते हैं कि शरीर का पोषण ठीक न हो, तो सबसे पहले ऐसे ही संकेत मिलते हैं.
कमजोर नाखून सिर्फ एक बाहरी समस्या नहीं, बल्कि आंतरिक गड़बड़ी का संकेत हैं. वहीं, आधुनिक मेडिकल साइंस के अनुसार, नाखून मुख्य रूप से केराटिन नामक प्रोटीन से बने होते हैं.
कुछ पोषक तत्वों की कमी से नाखून टूटने और कमजोर होने लगते हैं. इन तत्वों में से एक है बायोटिन. बायोटिन, जिसे विटामिन बी7 भी कहते हैं.
नाखूनों की मजबूती के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व माना जाता है. यह शरीर में केराटिन के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जिससे नाखून मजबूत बनते हैं.
जब शरीर में बायोटिन की कमी होती है, तो नाखून पतले हो जाते हैं, जल्दी टूटते हैं और छिलने लगते हैं.
जिंक भी एक महत्वपूर्ण मिनरल है, जो नाखूनों को रिपेयर करने में मदद करता है. इसकी कमी से नाखूनों पर सफेद-धब्बे नजर आने लगते हैं और धीरे-धीरे नाखूनों की गुणवत्ता गिरती जाती है.
विटामिन ई और सी भी नाखूनों की मजबूती में सहायक होते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट्स की तरह काम करते हैं, जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं.
जब शरीर की अग्नि यानी पाचन शक्ति कमजोर होती है तो खाया गया भोजन ठीक से पचता नहीं और शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता.
इसका असर सबसे पहले बालों और नाखूनों पर नजर आता है. इसलिए शरीर की पाचन शक्ति को सुधारना और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना जरूरी है.