क्या आपको पता है ? महिलाओं के लिए हाई हील्स की शुरुआत नहीं हुई थी, बल्कि इसका आविष्कार पुरुषों के लिए किया गया था.

10वीं शताब्दी के आसपास प्राचीन फारस में हील्स की शुरुआत हुई थी. फारसी घुड़सवार सेना के सैनिक अपने पैरों को रकाब में मजबूती से टिकाने के लिए ऊंची एड़ी वाले जूते पहना करते थे.

17वीं शताब्दी में यूरोप के शाही दरबारों में हील्स का चलन जोरों पर था और पुरुषों के फैशन का अहम हिस्सा बन गई थी.

जल्द ही, यूरोप के अपर क्लास के मर्द भी इसे अपनाने लगे और ऊंची एड़ी वाले जूते स्टेटस सिंबल बन गए.

1789 में फ्रांसीसी क्रांति के दौरान ऊंची एड़ी वाले जूतों को पुरुषों ने पहनना बंद कर दिया. हील्स को दिखावटी और कैजुअल मानते हुए पुरुषों ने इन्हें पहनने से इंकार कर दिया.

18वीं शताब्दी के मध्य में, मैरी एंटोनेट जैसी फैशन आइकॉन ने हील्स को ग्रेस, एलिगेंस और फ़ेमिनिनिटी का प्रतीक बना दिया.

धीरे-धीरे हाई हील्स महिलाओं के फैशन का मुख्य हिस्सा बन गई और पुरुषों ने इसे पूरी तरह से पहनना बंद कर दिया.

आज महिलाओं के लिए हाई हील्स केवल एक फुटवियर नहीं है, बल्कि कॉन्फिडेंस, स्टाइल और पर्सनैलिटी का प्रतीक बन चुकी है.

ऑफिस मीटिंग से लेकर पार्टी तक, किसी भी खास मौके पर हील्स अब स्टाइल स्टेटमेंट बन चुकी है.