क्या तिरंगा रंग का मिठाई खाना, देशद्रोह या झंडे का अपमान है? जानें नियम

हर साल 15 अगस्त को भारत स्वतंत्रता दिवस मनाता है. इस साल देश अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा.

स्वतंत्रता दिवस आने से पहले ही बाजारों में तिरंगे रंग के कपड़े, सजावट के सामान, गुब्बारे, केक और मिठाईयां मिलने लगती हैं.

लेकिन कई बार ये सवाल उठता है कि क्या तिरंगे रंग का केक और मिठाई खाना झंडे का अपमान है? ऐसे में आइए बताते हैं इसको लेकर क्या नियम हैं...

तिरंगा रंग भारतीय ध्वज के प्रतीक है, लेकिन इन रंगों का इस्तेमाल किसी मिठाई या केक में करने से ये वो राष्ट्रीय ध्वज नहीं बन जाता.

ऐसे में अगर कोई मिठाई इन तीन रंगों से बनी है और उसमें अशोक चक्र या तिरंगे का पूरा डिजाइन नहीं है, तो उसे तिरंगे का अपमान नहीं माना जाता है.

2013 में एक प्रोग्राम के दौरान तिरंगे की डिजाइन वाला केक काटा गया था, जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया और मामला अदालत पहुंच गया. 

इस मामले पर मार्च 2021 में मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि डिजाइन वाले केक को काटना या खाना, देशद्रोह या तिरंगे का अपमान नहीं है.

इससे देशभक्ति की भावना को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है.

इसके अलावा अदालत ने ये भी कहा कि राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान जरूरी है, लेकिन सिर्फ रंगों के इस्तेमाल से ही कोई चीज तिरंगा नहीं बन जाती है.