अपनी बेगम मुमताज की मौत के बाद 'चश्मा' क्यों पहनने लगा था शाहजहां? जानिए रोचक इतिहास

मुगल बादशाह शाहजहां और बेगम मुमताज महल को लोग मुहब्बत की मिसाल के तौर पर देखते हैं.

शाहजहां अपनी पत्नी मुमताज ये इतनी मुहब्बत करता था कि उनकी याद में उसने ताजमहल बनवाया.

कहा जाता है कि शाहजहां की मौत ताजमहल का दीदार करते हुए हुई और फिर मुमताज और शाहजहां को एकसाथ ताजमहल में ही दफन किया गया.

इतिहासकारों की मानें तो शाहजहां मुमताज महल के प्रति पूरी तरह समर्पित था. मुमताज के मरने के बाद भी वो उन्हीं की यादों में खोया रहता था.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुमताज महल के मरने के बाद शाहजहां ने चश्मा लगाना शुरू कर दिया. आइए गम आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह...

17 जून, 1631 को अपने 14वें बच्चे को जम्न देने के दौरान मुमताज की मौत हो गई. जिसका शाहजहां पर बहुत बुरा असर पड़ा.

मुगल बादशाह शाहजहां के दरबारी इतिहासकार इनायत खां ने अपनी किताब 'शाहजहांनामा' में इस किस्से का वर्णन किया है.

इनायत खां ने लिखा है कि मुमताज की मौत के बाद शाहजहां इतने ज्यादा गमजदा हो गए कि वह पूरे एक हफ्ते तक अपने कक्ष से बाहर ही नहीं निकले. उन्होंने दरबार में आना तक छोड़ दिया था.

यहां तक कि बुधवार को सफेद कपड़े भी पहनने लगे थे, क्योंकि मुमताज की मौत बुधवार के दिन ही हुई थी.

मुमताज की मौत से गमजदा बादशाह शाहजहां के लगातार रोने के कारण उनकी आंखे कमजोर हो गई, जिस कारण उन्हें चश्मा पहनने के लिए भी मजबूर होना पड़ा था.