क्या चीन को लेकर तुर्की का ये कदम रोक पाएगा अर्थव्यवस्था का असंतुलन, जानिए क्या होगा असर?

आर्थिक संकट से जूझ रही तुर्की ने बड़ा कदम उठाया है. इसको लेकर तुर्की व्यापार मंत्रालय ने शनिवार को बयान जारी किया है. 

तुर्की अपने चालू खाते में संतुलन बनाने और संभावित गिरावट को रोकने के लिए चीन से वाहन आयात पर 40 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा. 

आपको बता दें कि इसको लेकर सरकार का कहना है कि इससे घरेलू वाहन निर्माताओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी.

दरअसल, बेलगाम महंगाई और गिरती मुद्रा दर को लेकर की तुर्की काफी चिंतित है.  इस समय तुर्की की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है. 

देश भर में कारखानों, किसानों और खुदरा विक्रेताओं की हालत खराब है. ऐसे में तुर्की सरकार चालू खाते के घाटे को दूर करने के लिए उत्पादन और निर्यात बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. 

दूसरी तरफ चीन अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते निर्यात के कारण दुनिया भर से बढ़ते व्यापार दबाव का सामना कर रहा है. 

कई देशों का दावा है कि चीन अपनी लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को सुधारते के लिए भारी सब्सिडी दे रहा है. ऐसी संभावना है कि यूरोपीय आयोग अगले सप्ताह यह बताएगा कि अस्थायी अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाए या नहीं.

तुर्की के आधिकारिक गजट में प्रकाशित राष्ट्रपति के निर्णय के अनुसार, तुर्की 7 जुलाई से अतिरिक्त टैरिफ न्यूनतम 7 हजार डॉलर प्रति वाहन निर्धारित करेगा. 

रिपोर्ट की मानें, तो तुर्की व्यापार मंत्रालय घरेलू उत्पाद की घटती हिस्सेदारी को बढ़ाना चाहता है. साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए चीन से पारंपरिक और हायब्रिड यात्री वाहनों के आयात पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा.

यदि आयातित वाहन की कीमत से गणना की गई 40 प्रतिशत टैरिफ 7हजार से डॉलर कम होने पर कम से कम 7 हजार डॉलर का न्यूनतम टैरिफ लगाएगा.

बेलगाम महंगाई और नगदी की कमी से तुर्की के लोग जूझ रहे हैं. लाखों लोग एनजीओ की ओर से चलाए जा रहे कैंटीन में खाने के लिए मजबूर हैं. 

राष्ट्रपति रेचप तैय्यप अर्दोआन की सरकार व्यापक आर्थिक सुधार शुरू करने के बाद से ही बेलगाम महंगाई पर काबू पाने के लिए संघर्ष कर रही है. 

जून 2023 में शुरू हुए आर्थिक सुधार के बाद से तुर्की केंद्रीय बैंक का ब्याज दर 8.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत हो गई है. क्रेडिट कार्ड पर अधिकतम मासिक ब्याज दर तीन गुना बढ़कर 4.25 प्रतिशत हो गई है.