जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर क्यों नहीं रखते पैर, रहस्य जान उड़ जाएंगे होश
चार धामों में से एक ओड़िशा के पुरी का जगन्नाथ मंदिर अपने आप में रहस्यमयी है. ये मंदिर अनेक आध्यात्मिक गतिविधियों और अलौकिक अनुभवों का केंद्र है.
हर साल यहां जगन्नाथ रथ यात्रा निकलती है. इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून से शुरू होकर 5 जुलाई तक रहेगी.
ऐसे में आज हम आपको इस मंदिर का एक रहस्य बताएंगे, जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे.
भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भक्तों को 22 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं. इन सीढ़ियों को बैसी पहाचा कहा जाता है.
ऐसी मान्यता है कि ये 22 सीढ़ियां मानव जीवन की बाईस कमजोरियों या बुराइयों का प्रतीक हैं, जिन पर विजय प्राप्त करके ही मोक्ष की प्राप्ति होती है.
बता दें कि भक्त 22 सीढ़ियों में से तीसरी सीढ़ी पर पैर नहीं रखते हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह...
पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर लोग पाप मुक्त होने लगे थे.
जिसके बाद यमराज भगवान जगन्नाथ के पास पहुंचते हैं और कहते हैं कि भगवन आपने पाप मुक्ति का बेहद सरल उपाय बता दिया है. लोग इससे बड़ी ही आसानी से पाप मुक्त होने लगे हैं.
जिसके कारण कोई यमलोक में नहीं आ रहा है. यमराज की ये बात सुनकर भगवान जगन्नाथ ने कहा कि आप मंदिर के मुख्य द्वार की तीसरी सीढ़ी पर अपना स्थान ग्रहण करें.
इस सीढ़ी को यम शिला के रूप से जाना जाएगा. जो कोई भी मेरे दर्शन के बाद उस शिला पर पैर रखेगा उसके सारे पुण्य खत्म हो जाएंगे और उसे यमलोक जाना पड़ेगा. ऐसे में हर कोई इस सीढ़ी पर पैर रखने से बचता है.