यमन में भारतीय नर्स को मौत की सजा, निमिषा प्रिया के पास बचने के हैं ये विकल्प
यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के दोष में मौत की सजा सुनाई गई है.
यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अमीनी ने भारतीय नर्स की मौत की सजा को मंजूरी दे दी है.
वहीं, भारत सरकार ने निमिषा प्रिया को मदद का आश्वासन दिया है. दरअसल, यमन में शरिया कानून चलता है.
जिसके तहत निमिषा के पास ब्लड मनी का विकल्प है. इसका मतलब है कि पीड़ित परिवार आरोपी से मुआवजा लेकर उसे माफ कर सकता है.
वहीं, राष्ट्रपति भी मौत की सजा को माफ कर सकता है. हालांकि, यमन राष्ट्रपति ने उन्हें मौत की सजा को मंजूरी दे दी है.
बता दें कि निमिषा प्रिया केरल की रहने वाली हैं. वो नर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2008 में यमन चली गई. वहीं, 2011 में उन्होंने भारतीय नागरिक टॉमी थॉमस से शादी की.
कपल यमन में ही रहने लगे और उन्होंने क्लीनिक खोजने के लिए यमनी नागरिक तलाल महदी से संपर्क किया.
वहीं, 2015 में निमिषा अपने पति, बेटी और महदी के साथ केरल आईं और बाद में वो महदी के साथ केरल वापस लौट गईं.
लेकिन गृहयुद्ध के कारण टॉमी थॉमस व बेटी भारत में ही रह गए. यमन में निमिषा और महदी ने अपना क्लीनिक शुरू किया.
आरोप है कि महदी ने निमिषा को क्लीनिक की कमाई का हिस्सा देने से मन कर दिया और उनके दस्तावेज अपने पास रख लिए. उसने निमिषा का यौन शोषण भी किया.
एक दिन निमिषा ने हदी से दस्तावेज वापस लेने के लिए उसे बेहोशी की दवा दे दी, लेकिन डोज ज्यादा होने के कारण उसकी मौत हो गई. तब निमिशा ने उसकी बॉडी के टुकड़े करके पानी की टंकी में डाल दिए.
हालांकि, मामला सामने आते ही निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया. 2020 में निमिषा को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी