ऐसा शहर जहां कोई नेता नहीं बिताता रात, चली जाती है सत्ता, हैरान कर देगी वजह!
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित बाबा महाकाल का मंदिर विश्वभर में प्रसिद्ध है. बाबा महाकाल को उज्जैन का राजाधिराज कहा जाता है.
देश के कोने-कोने से शिव भक्त महाकाल का दर्शन करने आते हैं. महाकाल की नगरी में श्रद्धालु कुछ दिन रुककर पूरा शहर घूमते हैं.
लेकिन आपको बता दें कि यहां कोई राजनेता गलती से भी रात नहीं गुजारते. दरअसल, इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह है...
दरअसल, बाबा महाकाल को उज्जैन का राजाधिराज माना जाता है. वहीं, देश के पीएम, सीएम, मंत्री को भी सूबे का राजा माना जाता है.
इसलिए कोई भी नेता उज्जैन में रात नहीं गुजारते, क्योंकि एक दरबार में 2 राजा नहीं हो सकते हैं. अगर कोई मंत्री यहां गलती से भी रुक जाता है, तो उसकी सत्ता चली जाती है.
ये परंपरा बहुत पुरानी है. पहले उज्जैन का नाम अवंतिका नगरी था. ये राजा विक्रमादित्य की राजधानी थी. राजा भोज के समय से ही यहां कोई रात में नहीं रुकता था.
राजा विक्रमादित्य जब न्याय करने जाते थे तो उनकी राजगद्दी पर बाबा महाकाल विराजित होते थे. उनके अलावा यहां कभी कोई राजा या नेता रात नहीं गुजार पाया.
ऐसे में आपके मन में ये सवाल होगा कि आखिर मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव उज्जैन में कैसे रहते हैं.
बता दें कि मोहन यादव उज्जैन के सीएम बाद में हैं और महाकाल की नगरी की प्रजा का हिस्सा पहले हैं.
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मोहन यादव महाकाल गए और वहां खुद को महाकाल के दास के रूप में पेश किया. इसके बाद ही उन्होंने भोपाल लौटकर बतौर सीएम कामकाज संभाला.