महाराणा प्रताप के वो विचार, जो आपके रग-रग में भर देंगे जोश

भारत के वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की आज 485वीं जयंती है. आज पूरा देश उनके बलिदान को याद कर रहा है. ऐसे में हम आपके लिए महाराणा प्रताप के कुछ ऐसे विचार लेकर आए हैं, जो आपके दिल में जोश भर देंगे... 

चढ़ चेतक पर तलवार उठा, रखता था भूतल पानी को. राणा प्रताप सिर काट-काट, करता था सफल जवानी को.

राजपुताने की आन है राणा, राजपुताने की शान है राणा. वीरों के लिए पैगाम है राणा, भारत के वीर पुत्र का नाम है राणा.

साहत का प्रतीक नीले घोड़े पर सवार, वीरता का प्रतीक मेवाड़ी सरदार. हिंदुओं की शान है आज भी, जिनका नाम है महाराणा प्रताप.

मातृभूमि के लिए सर्वस्व निछावर कर जाऊंगा वक्त आने पर मैं भी मेवाड़ी राणा बन जाऊंगा. पल-पल जिया जो इस मिट्टी के लिए मैं भी वही महाराणा प्रताप बन जाऊंगा.

झुके नहीं वह मुगलों से  अनुबंधों को ठुकरा डाला मातृभूमि की भक्ति का नया प्रतिमान बना डाला !

जब-जब तेरी तलवार उठी तो दुश्मन टोली डोल गयी फीकी पड़ी दहाड़ शेर की जब-जब तू ने हुंकार भरी !

हर मां की ये ख्वाहिश है, कि एक प्रताप वो भी पैदा करे देख उसकी शक्ति को, हर दुशमन उससे डरा करे.

आगे नदिया पड़ी अपार, घोड़ा कैसे उतरे उस पार राणा ने सोचा इस पार, तब तक चेतक था उस पार!

साहस का प्रतीक नीले घोड़े पर सवार वीरता का प्रतीक मेवाड़ी सरदार हिन्दू धर्म की शान है आज भी जिसका नाम है महराणा प्रताप.