लंबे समय से बीमारी से हैं परेशान, तो इस मेष संक्रांति करें ये उपाय; होगा लाभ
सनातन हिन्दू धर्म में सक्रांति का खास महत्व है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार संक्रांति के दिन सूर्यदेव राशि परिवर्तन करते हैं. फिलहाल, सूर्यदेव मीन राशि में विराजमान हैं.
दरअसल, सूर्यदेव के मेष राशि में प्रवेश करने पर मेष संक्रांति मनाई जाएगी. आइए आपको बताते हैं इस वर्ष मेष संक्रांति कब है. जानिए डेट, महत्व और उपाय.
वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन मेष राशि में ग्रहों के राजा सूर्यदेव प्रवेश करेंगे. इस साल मेष संक्रांति 13 अप्रैल को मनाई जाएगी.
13 अप्रैल की रात 9: 40 पर सूर्यदेव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे. इसी दिन सिख समुदाय के लोग बैखाखी मनाते हैं.
आपको बता दें कि मेष संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की पूजा का विधान है. 13 अप्रैल को पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरू हो कर शाम 6 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में आप सूर्यदेव का पूजन कर सकते हैं.
मेष संक्रांति हिन्दू धर्म में काफी महत्वपूर्ण है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने से पुण्य मिलता है.
ऐसा करने से पुरखे भी प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य देव के पूजा करने से ज्ञान और आशीर्वाद मिलता है. इससे हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.
मेष संक्रांति के दिन आप चने की दाल का दान कर सकते हैं. ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है. इससे आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
मेष संक्रांति के दिन आप गुड़ का दान कर सकते हैं. अगर आप किसी रोग से लंबे समय से परेशान हैं तो आपको लाभ होगा.
करें सूर्यदेव के इन मंत्रों का जाप
- ॐ सूर्याय नमः
- ॐ घृणि सूर्याय नमः
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित देहि देहि स्वाहा
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशो भास्कराय नमः
- ॐ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात्
- ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात
Disclaimer: इस लेख में दी गई सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.