श्रीकृष्ण के माखन चोर नाम पर घमासान, जानिए आखिर किसने दिया ये नाम

हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी सरकार ने कहा है कि श्रीकृष्ण माखनचोर नहीं थे.

भगवान पर माखनचोर का गलत टैग लगाया गया है, जिसे हटाने के लिए सरकार जनचेतना का अभियान भी चलाएगी.

सीएम का मानना है कि भगवान माखनचोर नहीं थे, उन्होंने माखन को लेकर कंस की नीतियों का विरोध किया और विद्रोह कर दिया, जिसे गलत तरीके से समझ लिया गया और भगवान को माखन चोर कहा जाने लगा.

सीएम के सांस्कृतिक सलाहकार के अनुसार, भगवान कृष्ण के घर हजारों गाय थीं, जिसके घर दूध-माखन की कमी न हो वह भला माखनचोर कैसे कहला सकता है.

ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर श्रीकृष्ण माखन चोर क्यों कहा जाता है. श्रीकृष्ण ने कई लीलाएं रचीं और हर लीला से उन्हें एक नाम मिला.

कृष्ण के प्रमुख नामों में कान्हा, कन्हैया, नंदलाला, मुरलीधर, लड्डू गोपाल, गोपाला और माखन चोर है. जो उन्हें उनके परिवार और प्रियजनों से मिले.

माखनचोर नाम का संबंध बाल्यकाल में सखाओं कृष्ण का माखन चोरी करना बताया जाता है. गोकुल की गोपियों और गांव वालों ने उन्हें ये नाम दिया.

कृष्ण के माखन चोरी प्रसंग को लेकर अलग-अलग दृष्टिकोण हैं.  कृष्ण का बाल्यकाल में माखनचोरी करना एक लीला है, जिसका वर्णन श्रीमद्भागवत, विष्णु पुराण और हरिवंश पुराण में मिलता है. 

जिसमें भगवान का उद्देश्य माखन चुराना नहीं बल्कि भक्तों के साथ निर्मल प्रेम और आनंद की भावना है.  गोकुल में माखन का विशेष महत्व था क्योंकि गाय-पालन ही मुख्य आजीविका थी.

इसलिए कृष्ण का माखन प्रेम गोप-गोपियों के जीवन से सीधा जुड़ा हुआ था. कृष्ण का माखन चोरी करना केवल बालपन की चंचलता थी.