सर्दियों में सरसों का तेल काफी फायदेमंद,जानिए शरीर के किस हिस्से में लगाने से मिलता है क्या लाभ
सर्दियों का मौसम आते ही ठंड, रूखापन, जोड़ों का दर्द और सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं.
ऐसे में अगर दिनचर्या में कुछ पारंपरिक और प्राकृतिक उपाय शामिल कर लिए जाएं, तो न सिर्फ ठंड से बचाव होता है बल्कि शरीर भी निरोग रहता है.
भारतीय रसोई और आयुर्वेद में सदियों से इस्तेमाल होता आ रहा सरसों का तेल ठंड के मौसम में किसी वरदान से कम नहीं है.
यह शरीर को अंदर से गर्म रखने के साथ-साथ त्वचा, मांसपेशियों और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है.
सरसों के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं, जो शरीर लाभकारी माना जाता है.
सर्दियों में डैंड्रफ और बाल झड़ने की समस्या बढ़ती है. सप्ताह में दो-तीन बार गुनगुना सरसों का तेल सिर में लगाने से जड़ें मजबूत होती हैं और रक्त संचार बेहतर होता है.
इसके अलावा सिरदर्द व तनाव में भी राहत मिलती है. वहीं, ठंड के कारण होने वाला माइग्रेन या भारीपन से भी आराम मिलता है.
आयुर्वेद के मुताबिक, सर्दियों में कान में हल्का गुनगुना सरसों का तेल डालने से कान में जमा सूखापन दूर होता है.
ठंड में नाक का सूखना और बार-बार सर्दी लगना आम समस्या है. नाक में सरसों का तेल लगाने से नमी बनी रहती है और ठंडी हवा का असर कम होता है.
सर्दी-खांसी और जुकाम के दौरान छाती और पीठ पर सरसों के तेल से मालिश करने से बलगम ढीला होता है और सांस लेने में राहत मिलती है.
सर्दियों में सोने से पहले पैरों में सरसों के तेल से मालिश करने से त्वचा मुलायम रहती है और फटी एड़ियों की समस्या कम होती है.