क्या आप भी महाकुंभ में स्नान के लिए जा रहे हैं प्रयागराज? तो डुबकी लगाने से पहले जान लें नियम

कल यानी 13 जनवरी से दुनिया के सबसे बडे़ धार्मिक मेले महाकुंभ की शुरुआत होने वाली है.

मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.

लेकिन विद्वानों के अनुसार, कुंभ में स्नान करने के कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी होती है.

अगर कोई इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसे पुण्य लाभ नहीं मिलता. आइए जानते हैं उन नियमों के बारे में...

महाकुंभ में सबसे पहले नागा साधु स्नान करते हैं. इसके बाद अखाड़ों के दूसरे साधु-संत स्नान करते हैं. इसके बाद ही आम लोगों को स्नान करना चाहिए.

अगर आप गृहस्थ हैं, तो संगम में स्नान करते हुए पांच बार डुबकी लगाएं. इससे कम डुबकी लगाने पर गृहस्थों का कुंभ स्नान पूरा नहीं माना जाता है.

संगम में स्नान के बाद सूर्य देव को जल का अर्घ्य जरूर दें. ऐसा करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

कुंभ में स्नान करने के बाद प्रयागराज के लेटे हनुमान जी मंदिर और वासुकी नाग मंदिर के दर्शन करने की मान्यता है. साथ ही जरूरतमंदों को दान-पुण्य करना चाहिए.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)